आज हम भगवान शिव के अंतरिक्ष तत्व मंदिर, थिल्लाई नटराज मंदिर की कहानी और विवरण सुनेंगे। यह मंदिर तमिलनाडु के चिदंबरम में स्थित है और इसे 10वीं शताब्दी में चोल राजाओं द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर की वास्तुकला मानव शरीर से जुड़ी है | चिदंबरम में स्थित थिल्लई नटराज मंदिर आकाश (आकाश) तत्व की पूजा करता है, जो पंच तत्वों में सबसे सूक्ष्म है। थिल्लई नटराज मंदिर में भगवान शिव की निराकार रूप में पूजा की जाती है। "चिदंबरम" शब्द "चित" से लिया गया है, जिसका अर्थ है चेतना, और "अंबरम", जिसका अर्थ है आकाश। यह "चेतना का आकाश" को दर्शाता है, जो मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य है।
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