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Friday, 19 July 2024

इन्द्रदेव द्वारा गुरु बृहस्पति का अपमान


 इन्द्र को त्रिलोकी का ऐश्वर्य पाकर घमण्ड हो गया था। इस घमण्ड के कारण वे धर्म मर्यादा का, सदाचार का उल्लंघन करने लगे थे। एक दिन की बात है, वे भरी सभा में अपनी पत्नी शची के साथ ऊँचे सिंहासन पर बैठे हुए थे और सब ओर ललित स्वर से देवराज इन्द्र की कीर्ति का गान हो रहा था।