आज जो कहानी मैं सुनाने जा रही हूँ, यूँ तो यह पद्मपुराण से ली गई है, लेकिन यह आज की परिस्थितियों के लिए बहुत सटीक बैठती है। यह कहानी स्वधर्म के बारे में है। स्वधर्म का अर्थ है किसी भी नियुक्त समय पर उस समय के अनुकूल कार्य करना या अपना कर्तव्य निभाना। सही समय पर सही कर्तव्य निभाने से जीवन में क्या-क्या उपलब्धियाँ प्राप्त हो सकती हैं, यह हम इस कहानी के माध्यम से समझेंगे।
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Friday, 5 July 2024
स्वधर्म पर कहानी - सभी के लिए एक सबक
आज जो कहानी मैं सुनाने जा रही हूँ, यूँ तो यह पद्मपुराण से ली गई है, लेकिन यह आज की परिस्थितियों के लिए बहुत सटीक बैठती है। यह कहानी स्वधर्म के बारे में है। स्वधर्म का अर्थ है किसी भी नियुक्त समय पर उस समय के अनुकूल कार्य करना या अपना कर्तव्य निभाना। सही समय पर सही कर्तव्य निभाने से जीवन में क्या-क्या उपलब्धियाँ प्राप्त हो सकती हैं, यह हम इस कहानी के माध्यम से समझेंगे।
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