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Tuesday, 20 August 2024

अर्जुन को शिवजी से मिला जयद्रथ वध का आशीर्वाद

 


महाभारत में ये कथा आती है कि जयद्रथ के वध के पूर्व किस प्रकार भगवान शिव ने अर्जुन की सहायता की|
सबसे पहले मैं आपको ये बता दूँ कि अर्जुन को फाल्गुनी भी कहा जाता है क्योंकि उनका जन्म उत्तर फाल्गुनी के नक्षत्र में हुआ था | उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों को जीवन में ऐसे सहायक मिलते है या ऐसे मार्गदर्शक मिलते हैं जो उन्हें सही दिशा में ले कर जाते हैं और उनके जीवन की सफलता का कारण ही बनते हैं | और अर्जुन के जीवन के मार्गदर्शक कौन थे यह हम सभी जानते | तो आइए शुरू करते हैं आज की कहानी |

Tuesday, 7 May 2024

परस्त्रीमें आसक्ति - पतन का कारण

 


हमारे बुरे कर्म और इरादे ही हमारे पतन का कारण बन जाते हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए दूसरे लोगों के जीवनसाथी के प्रति बुरे इरादे रखना समस्याग्रस्त हो सकता है और इसके कारण उनको अपनी जान गंवानी पड़ सकती है। महाभारत की इस कहानी में इसके बारे में और जानें।

Loss of Life due to Lust – A story from Mahabharat

 



Our bad deeds and intentions are the reason for our downfall. Having bad intentions for other people’s spouse can be problematic and cause one to lose their life. Learn more about it in this story from Mahabharat.

Thursday, 28 March 2024

Forgiving Is Not Always Correct – Story of Jaydrath


 

Sometimes I feel that we are only taught half a Shloka of Ahimsha Paramo Dharma which can be fatal for us. We must stand up to those who have insulted us, belittled us and have been cruel to us or we may be well on the path of creating a Jaydrath in our lives. In this know how much Jaydrath costed the Pandavas for their big and righteous hearts.


Thursday, 21 March 2024

श्रमा सदा सही नहीं - जानें जयद्रथ की कहानी से

 





कभी-कभी मुझे लगता है कि हमें अहिंसा परमो धर्म का केवल आधा श्लोक ही पढ़ाया जाता है जो हमारे लिए घातक हो सकता है। हमें उन लोगों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए जिन्होंने हमारा अपमान किया है, हमें नीचा दिखाया है और हमारे प्रति क्रूर रहे हैं अन्यथा हम अपने जीवन में जयद्रथ पैदा करने की राह पर आगे बढ़ सकते हैं। इस कहानी में जानिए जयद्रथ ने पांडवों को उनके बड़े और नेक दिल की क्या कीमत चुकाई।

Tuesday, 19 March 2024

अभिमन्यु की वीर गाथा

 




महाभारत की कहानी में अभिमन्यु एक महान योद्धा थे। वह अर्जुन के पुत्र और भगवान कृष्ण के भतीजे थे। यदि वह 18 वर्ष की अल्पायु से अधिक जीवित रहा होता, तो शायद उसने अपने पिता की महिमा को धूमिल कर दिया होता। ऐसा पराक्रमी था अभिमन्यु | किस बात या व्यक्ति ने इतनी बेरहमी से उसका जीवन छोटा कर दिया। आइए आज इस कहानी में इसके बारे में सुनते हैं |

The Valourous Tale of Abhimanyu

 


Abhimanyu was a great warrior in the story of Mahabharat. He was the son of Arjun and the nephew of Lord Krishna. Had he lived past the young age of 18, he would have, perhaps, over shadowed his father's glory. Such was the valour of the mighty Abhimanyu. What cut his life short so brutally. Let's listen about it in this story today.