आज की कहानी शिवजी पर है कहानी शुरू करने से पहले चलिए समझते हैं कि शिव का मतलब क्या ?
शिवका अर्थ ही मंगलमय, कुशल-क्षेम और मुक्तिप्रदाता है। जो प्राणोंपर शासन करते हैं, वे शिवात्मा कहलाते हैं। जो वायुको वशमें रखते हैं, वे सदाशिव शुद्धात्मा कहलाते हैं। जो जीवनको वशमें रखते हैं, वे परम शिव कहलाते हैं।
एक समयकी बात है, देवों और दानवोंने अमृत पानेकी इच्छासे समुद्र-मन्थन किया। मन्थनमें सर्वप्रथम सर्वाधिक विषैला कालकूट विष निकला। कालकूटकी भयंकरतासे प्राणिमात्र जीवन धारण करनेके लिये चिन्तित हो उठा। यदि जीवोंमें कालकूटने अपना विषैला प्रभाव दिखाया तो ब्रह्माजीकी यह सृष्टि कैसे बचेगी ? अब आगे भगवान शिव नीलकंठ कैसे बने