मार्कंडेय ऋषि 8 चिरंजीवियों या अमरों में से एक हैं। इस कहानी में, हम देखते हैं कि कैसे उनकी भक्ति, बुद्धिमत्ता और मृदु व्यवहार से भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्हें अमरता का वरदान दिया।
शिव उस प्रकार के पति हैं जिन्हें समझना और संभालना दोनों ही बहुत कठिन है और फिर भी हर महिला उनके जैसा वर चाहती है। पार्वती जी के प्रति उनका प्रेम और स्नेह आज्ञाकारिता की सीमा पर है। पार्वती जी की इच्छा शिव जी का आदेश है - जब वे उसका पालन करना चाहते हैं तो 😊। इस कहानी में, हम
Listen to it in this fascinating tale of the Gopikas.
रुक्मिणी जी को देवी लक्ष्मी का अवतार कहा जाता था। उनकी बुद्धिमत्ता, उनकी सुंदरता और ईमानदारी अद्वितीय थी। कृष्ण के प्रति उनका प्रेम दिव्य और पूर्ण था। सबसे रोमांचक बात यह है कि उन्हें किसी चेहरे या शरीर से प्यार नहीं हुआ, बल्कि उन्हें कृष्ण के वीरतापूर्ण कार्यों से प्यार हो गया, बिना यह जाने कि वे कैसे दिखते हैं। यह प्रेम आत्मीय था।