देवी भागवत पुराण और मार्तंडए ब्रह्मपुराण में देवी भागवती के कृपा की एक कहानी आती है | प्राचीन समयकी बात है। स्वारोचिष मन्वन्तरमें सुरथ नामके एक परम धार्मिक राजा थे। वे परम उदार थे तथा प्रजाका पुत्रवत् पालन करते थे। दुर्योगवश उनके मन्त्री शत्रुओंसे मिल गये और शत्रुओंने उन्हें पराजित करके उनका राज्य छीन लिया। निराश होकर राजा सुरथ वनमें चले गये। एक दिन वे भूख-प्याससे व्याकुल अवस्थामें परम तपस्वी सुमेधा मुनिके आश्रममें पहुँचे। मुनिके पूछनेपर उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कथा बतायी। दयालु मुनिने उनका यथोचित सत्कार किया और उन्हें आश्रममें आश्रय प्रदान किया।
Monday, 14 October 2024
माता दुर्गा का सुरथ तथा समाधि को वरदान
देवी भागवत पुराण और मार्तंडए ब्रह्मपुराण में देवी भागवती के कृपा की एक कहानी आती है | प्राचीन समयकी बात है। स्वारोचिष मन्वन्तरमें सुरथ नामके एक परम धार्मिक राजा थे। वे परम उदार थे तथा प्रजाका पुत्रवत् पालन करते थे। दुर्योगवश उनके मन्त्री शत्रुओंसे मिल गये और शत्रुओंने उन्हें पराजित करके उनका राज्य छीन लिया। निराश होकर राजा सुरथ वनमें चले गये। एक दिन वे भूख-प्याससे व्याकुल अवस्थामें परम तपस्वी सुमेधा मुनिके आश्रममें पहुँचे। मुनिके पूछनेपर उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कथा बतायी। दयालु मुनिने उनका यथोचित सत्कार किया और उन्हें आश्रममें आश्रय प्रदान किया।
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